Private Video लीक होने के पांच कारण बता रहा हूँ

Private Video लीक होने के पांच कारण बता रहा हूँ

इन दिनों ये कपल के Private Video लीक होने की जमकर चर्चा है।  जो उनके साथ हुआ है वह हम सबके साथ हो सकता है क्योंकि वह भी पढ़ा लिखा था उसके बावजूद उसके साथ ऐसा कैसे हो गया और कैसे यह हमारे साथ या हमारे जानने वालों के साथ हो सकता है क्योंकि मीडिया और तकनीक इतनी एडवांस हो गई है कि अब बच पाना मुश्किल है।

ये कैसे हो जाता है क्योंकि हम आए दिन ऐसी खबरें सुनते है की फलाने का वीडियो वायरल हो गया। उसकी फोटो लीक हो गई और आपने देखा भी होगा कि अनेक वेबसाइट्स पर लाखों विडिओ पड़े हैं जो किसी के फ़ोन से या कंप्यूटर से लीक हो गए हैं और अब वो पूरी दुनिया के सामने है। उन Private Video या फोटो के लीक होने के बाद उस इंसान के जीवन की स्थिति कैसी हो जाती है, उसकी कल्पना ही की जा सकती है। देखिये दोस्तों जैसे जैसे टेक्नोलॉजी विकसित हो रही है, वैसे वैसे लोग भी बदल रहे हैं। उनका लाइफ स्टाइल बदल रहा है। सस्ते इंटरनेट डेटा और हर हाथ मोबाइल फ़ोन में मनुष्यता के विकास में एक जबरदस्त खलबली मचाई है। इसको हम अपनी आँखों से देख रहे हैं।

पिछले 2 साल या मान कर चलिए कि के बाद से मीडिया और तकनीक ने ऐतिहासिक प्रगति की है। किसी के पास कुछ भी ना हो, मोबाइल फ़ोन जरूर है, उसमें इंटरनेट पक्का है और इतना ही नहीं हर कोई आसनी मीडिया पर अकाउंट्स लिए बैठा है। बच्चा, जवान, अधेड़, बूढ़ा सब लोग सोशल मीडिया पर हैं। आभासी दुनिया के नागरिक हैं। वहाँ अपनी फोटो और वीडियो डालते हैं। औरों की फोटो और वीडियो देखकर मनोरंजन करते हैं और हाँ, यह सच है कि इससे बचा भी नहीं जा सकता।

नहीं, इससे दूर हुआ जा सकता है क्योंकि यह समय की करवट है, दुनिया की चाल है, जिसके साथ अगर कदम से कदम नहीं मिलाएंगे तो हम बहुत पीछे रह जाएंगे। तो ये समय की जरूरत तो है, लेकिन इस सका चौंध में हम कहीं निर्बाध और बेपरवाह तो नहीं हो गए हैं? क्या हम अनुशासनहीन तो नहीं हो गए? क्या यह सब बेहोशी में तो नहीं हो रहा है? जी हाँ, हम में से अधिकांश लोग सब कुछ बेहोशी में कर रहे हैं। ये मोबाइल फ़ोन हमारे पिताओं के पास भी है, बच्चों के पास भी है।

और उनके पास भी है जिनको इसकी गंभीरता का भान नहीं है। हममें से बहुतों को यह पता ही नहीं होता की हम जो रिकॉर्ड कर रहे हैं या कोई हम फोटो खींच रहे हैं, वो जरूरी नहीं कि हम तक ही सीमित है। भले ही हम अपने फ़ोन से मिटा दें लेकिन वह बीती नहीं है। यह जानकारी हमारे पिता हूँ और बच्चों को नहीं है। यह बहुत बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं जो अपने निजी क्षणों को रिकॉर्ड कर लेते हैं लेकिन उनको ये नहीं बता की ये जो फोटो है ये जो विडिओ है हमेशा हमेशा के लिए आपके डिवाइस से स्टोर हो गया है।

न जाने किसको में पड़ा रहेगा और किसी दिन उसे उड़ाकर कोई ले जाएगा और फिर हमारे हाथ में कुछ नहीं रहेगा। यहाँ हो रहा है हमारे आसपास हो रहा है तो इस बात को समझिए और खुद भी फ़ोन चलाते वक्त अनुशासित रहिये और जो अपने आसपास अपने परिजन हैं, बच्चे हैं, युवा है उनको भी यूँ गेट कीजिए। आपको लग रहा होगा कि मैं आपको डरा रहा हूँ तो हाँ बिल्कुल डरा रहा हूँ। ये डरने वाली बात है। बहुत डरने वाली बात है। भले ही हम कितने सुरक्षित हैं और बड़ी सजगता से जीवन जीते हैं, लेकिन हम अपनी जिंदगी में अकेले नहीं हैं।

हमारे जानने पहचानने वाले भी तो है न? वो क्या कर रहे हैं उसका तो आपको पता नहीं, लेकिन उनमें से किसी के साथ कुछ हो जाता है। उसका असर आप पर भी पड़ेगा, पढ़ना भी चाहिए। इसलिए जरूरी है कि इस और सोचें, देखें कि आपका बच्चा मोबाइल फ़ोन कैसे यूज़ कर रहा है। अब मैं आपको बताना चाहता हूँ कुछ ऐसी वजह हैं जिसकी वजह से किसी का प्राइवेट डेटा लीक हो जाता है और इस पार्ट को गौर से सुनिए गा क्योंकि यही वो ध्यान देने वाली बातें हैं जिनको आप को सुनना चाहिए। यही वो कारण है जो हम गलतियाँ करते हैं।

पांच कारण बता रहा हूँ, लेकिन पांचवा कारण सुनकर आपके पैरों से जमीन खिसक जाएगी।

पहला जो किसी भी सेन्सिटिव डेटा लीक होने का मुख्य कारण है, वो ये की किसी का फ़ोन किसी के हत्थे चढ़ जाता है। यहाँ उसकी जानकारी के बिना उसके फ़ोन के डाटा चोरी कर लिया जाता है। ऐसा भी हो सकता है कि वह आपकी जानने वाला हो। इसको किसी समय में वह सेंसिटिव डेटा सेव कर लेता हो और बाद में लीक कर देता हूँ। अधिकांश मामलों में ऐसा ही देखा गया है कि जिसने भी वीडियो और फोटो लिखिए वो बंदा करीबी था। दूसरा की हमारे ईमेल या हमारे सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड है। वो बहुत कमजोर होते हैं, जिनका कोई भी अंदाजा लगा सकता है।

ऐसे में हमारे अकाउंट्स हैक हो जाते हैं। उनमें से हमारी जो प्राइवेट चीजें हैं वो लीक हो जाती है। तीसरा जब भी हम अपने मोबाइल में कोई ऐप इन्स्टॉल करें जब वह ऐप् हमसे बहुत सी परमिशन मांगता है तो हम आंख बंद करके सब कुछ क्लिक कर देते हैं। इसका मतलब होता है कि हमने जो जो परमिशन दी है, उसे वह एक्सेस कर सकता है। हम अपने कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से लेकर गैलरी तक की परमिशन ऐप्स को दे देते हैं। हालांकि जो ऐप है उन्हें तो दी जा सकती है, लेकिन जो एप्प जिनकी कोई क्रेडिबिलिटी नहीं है, उनकी बनाने वालों का कोई नामोनिशान नहीं।

फोनेप को जब सब कुछ एक्सेस करने की अनुमति दे दी जाती है, वहाँ गडबड होना शुरू हो जाती है। आप अपने मोबाइल की सेटिंग में जाकर एप मैनेजर में जाकर देखें कि किस किस एप्प को क्या क्या परमिशन दे रखी है। सो था ये है की बहुत बार हमारे पास मैसेज जीमेल या व्हाट्सएप पर कोई संदिग्ध लिंक आता है और प्रलोभन दिया जाता है कि आप इतने रुपये जीत गए हैं और हम भाग कर उस पर क्लिक कर लेते हैं। वो दरअसल फोर्ड होते हैं और उस लिंक पर क्लिक करते ही आपके मोबाइल में कोई वायरस डाल दिया जाता है और आपके डेटा तक हैकर्स की पहुँच हो जाती है।

और फिर आपका पूरा मोबाइल उनके हाथ में चला जाता है और लिंक ही नहीं कई बार ओटीपी भी आती है और वो अगर आप बता दें यह कॉपी कर दे तो यह खतरा बढ़ जाता है। पांचवा कारण जो सबसे महत्वपूर्ण है, जिसका जिक्र मैंने पहले ही किया था। देखिये दोस्तों हम अपने मोबाइल में कुछ भी रिकॉर्ड करते हैं या फोटो खींचते हैं या कोई भी डेटा रखते हैं। भय आप भले ही डिलीट कर दें, चाहे रीसेट कर दें, फॉर्मेट कर दें, मेमोरी से भी फॉर्मेट कर दो, लेकिन कुछ सॉफ्टवेयर की सहायता से उस डेटा को वापस रिकवर किया जा सकता है।

इस भ्रम में मत रहिएगा की हमने तो मिटा दिया है, बिट गया होगा। ऐसा बिल्कुल नहीं होता, उसे रिकवर किया जा सकता है, लेकिन यह तो चलो आपको पता होगा। अब सुनिए सबसे अहम बात अहम बात यह है कि जब हम अपना कोई पुराना मोबाइल या लैपटॉप भेजते हैं तो हम सिर्फ फॉर्मेट या रीसेट करके भेज देते हैं और उसका फायदा वो दुकान वाले या उससे भी आगे वाले लोग उठाते हैं क्योंकि वह उन सेकंड हैंड फ़ोन और लैपटॉप के डेटा को रिकवर कर सकते हैं और अगर उनको कोई आपत्तिजनक चीज़ मिलती है या फोटो या कोई वीडियो तो वो वेबसाइट्स को भेज देते हैं।

और उसके बदले मिलते हैं उनको पैसे। मैं ये नहीं कहता कि सारे दुकानदार ऐसा ही करते हैं, लेकिन जो इन कामों में एक्स्पर्ट है वो ऐसा करते ही है तो जो लोग अपने मोबाइल को महीने दर महीने भेजते हैं उन्हें या खरीद लेते हैं। उनको इस बात का ध्यान रखना चाहिए की अगर आपने फ़ोन का इस्तेमाल आपने कभी ठीक तरह से नहीं किया है तो आप के लिए आगे जाकर ये खतरनाक साबित हो सकता है। तो ये कुछ कारण थे जो सामान्यता देखे जाते हैं लेकिन हैकर्स कैसे किसी फ़ोन को हैक कर लेते हैं और घर बैठे किसी का डाटा उड़ा लेते हैं।

यह तो वही जानते हैं जो इन चीजों के एक्स्पर्ट है। लेकिन अगर हम ये बातें भी ध्यान रख लेते हैं तो बहुत सुरक्षा हो सकती है। अब आते हैं मूल सवाल पर कि आंखें इन सब से बचा कैसे जाए? बचने का आसान सा तरीका है आप अपने फ़ोन में ऐसी फोटो या वीडियो बनाओ ही मत, इसके लीक होने का डर हो। मैं मानता हूँ कि इससे बड़ा बचने का कोई तरीका नहीं है क्योंकि हमारा फ़ोन हर वक्त इंटरनेट के संपर्क में हैं और जो डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट है उसके साथ कुछ भी हो सकता है। इसलिए सबसे अहम यही है की ऐसा करो ही मत।

बाकी जो आपको पहले बात नहीं बताई उन पर ध्यान रखें। किसी भी लिंक पर क्लिक नहीं करें। फर्जी ऐप्स जो गेम के ऐप है इन्ट्रेस्ट कमाने के जो ऐप है आजकल प्रचलन राजस्थान के अंदर हम मोबाइल में डाल लेते हैं वो पक्का ही डेटा के साथ कॉंप्रमाइज़ करते हैं तो ऐसे संदिग्ध ऐप्स को बिल्कुल डाउनलोड मत करो। अपना मोबाइल बेचो अगर आपको लगता है कि उसमें ऐसा डेटा है जिससे रिकवर करके गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है तो उस मोबाइल को मत भेजो और वैसे कुछ तरीके भी हैं अगर डिलीट कर दें।

रिकवरी की संभावना खत्म भी हो सकती है। पासवर्ड मजबूत रखें अपने मोबाइल नंबर या अपना नाम पासवर्ड के रूप में बिलकुल मत रखें। जिन पासवर्ड का अंदाजा लगाया जा सके वैसे पासवर्ड खतरे की घंटी है तो इनको उस तरीकों से सावधान रहा जा सकता है। लेकिन अगर किसी की प्राइवेट फोटो या वीडियो लीक हो जाती है तो क्या करें? सबसे पहले तो हो हल्ला न करें क्योंकि उस पर चर्चा करने से ज्यादा फैलती है और ये हम सबका कर्तव्य है कि अगर किसी भी व्यक्ति के साथ ऐसा होता है तो उस सामग्री को आगे फॉरवर्ड न करें।

उसकी सोशल मीडिया पर चर्चा तक न करें, क्योंकि ये दरअसल आग में घी डालने का काम है, लेकिन जिसके साथ ये हुआ है उसको पहले तो पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवानी चाहिए ताकि साइबर पुलिस अपना काम कर सके। उसके बाद गूगल पर भी अपने स्तर पर कुछ किया जा सकता है। आपको सर्च करना है रिपोर्ट प्राइवेट इमेज उसके बाद जो भी रिजल्ट्स आते हैं, जो ऊपर वाला जो लिंक है उस पर क्लिक कीजिए। एक फॉर्म खुलेगा फॉर्म भरने के लिए आपको लिनक्स की आवश्यकता पड़ेगी। जहाँ जहाँ आपका वीडियो और फोटो है तो उसके बाद गूगल सारे रिजल्ट्स हटा देगा। उसमें आप जब ये लिंक डाल देंगे

लेकिन पुलिस कंप्लेंट जरूर करें। वहीं से पुख्ता सहायता मिले गी, लेकिन इस पूरी कार्रवाई में वक्त लगेगा। और इतने में ऐसी चीजें आंख की तरह फैलती है तो यहाँ नागरिको का दायित्व बनता है कि उसे फैलने से रोकें, उसको हवा न दें। इन्हीं दिनों में जो हो रहा है वो हवा देने का काम हो रहा है क्योंकि ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है। इसलिए सावधान रहें तो हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए और आप सबसे विशेष आग्रह है कि अपने इस मोबाइल को सही से उपयोग करें। इसमें ऐसा कुछ न करें जिससे आपको नुकसान उठाना पड़े।

आप अपने परिजनों के साथ बच्चों के साथ जिन जिन लोगों के साथ ही इस को साझा किया जा सकता है, कीजिये और एजुकेशन की दिशा में एक कदम है या आप भी मेरे साथ उठाइये?

 

 

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